प्रेरक कहानियां : चंदामामा | एक काम, चार आदमी
राहुल अपने माता-पिता का एकलौता पुत्र था। उसके माता-पिता उसकी हर इच्छा को पूरा करते थे। माता-पिता के प्यार ने उसे बहुत उदंड व जिद्दी बना दिया था।
राहुल दुकान में जिस चीज़ पर हाथ रख देता उसे मिल जाता था। उसका कमरा विभिन्न तरह के खिलौने व पुस्तकों से भरा हुआ था।
प्रेरक कहानियां : चंदामामा | एक काम, चार आदमी, Baccho ki Kahani, Moral Stories in Hindi, Prerak Kahani, rani ki kahani , dadi ki kahani, nani ki kahani, pariyon ki kahani, baccho ki kahani, jadui kahani, moral stories, hindi mein kahaniya
एक दिन उसने पुस्तक में पढ़ा की चंदामामा बच्चे से मिलने उसके घर आते है और उसे ढ़ेर सारा उपहार देते है।
राहुल के मन में चंदामामा को अपने घर पर लाने की हुई। उसने अपने माता-पिता से चंदामामा को बुलाने के लिए कहा।
उसके माता-पिता ने काफी समझाया कि चंदामामा आसमान में ही रहते है। वह जमीन पर नहीं आ सकते। राहुल ने खाना-पीना छोड़ दिया और अपने जिद्द पर अड़ा रहा।
बहुत सोचने के बाद उसके माता-पिता को एक युक्ति सुझी उन्होंने छत पर एक बड़े से बर्तन में पानी भर कर रख दिया। पानी में चंदामामा की परछाई दिखाई देने लगी।
उन्होंने राहुल को आवाज़ दी, ‘‘राहुल, जल्दी आओ देखों, चंदामामा हमारे घर के छत पर आए हैं।’’
यह सुनकर राहुल भागा-भागा छत पर गया। वहां थाली में चंदामामा की परछाई देखकर वह बहुत खुश हुआ। वह चंदामामा को पकड़ने के लिए जैसे ही पानी में हाथ डाला परछाई गायब हो गई। उसने ऊपर देखा तो चंदामामा आसमान पर दिखाई दिया।
उसने अपना हाथ पानी से बाहर निकाल लिया। उसने दोबारा अपनी नजर थाली पर डाली तो उसे वहां फिर से चंदामामा दिखाई देने लगा।
राहुल जब भी चंदामामा को पकड़ने की कोशिश करता चंदामामा गायब हो जाते। वह समझ गया कि वह चंदामामा को पकड़ नहीं सकता हैं।
उस दिन से उसने जिद्द करना छोड़ दिया।
Read This :- PrerakKahaniya : Dadi ki Kahani | लियोन की बेवकूफी
बीरबल बहुत ही चतुर और बुद्धिमान था। इसीलिए अकबर बीरबल को बहुत चाहते थे। यह देखकर दरबार के बहुत से लोग बीरबल से ईष्र्या करते थे और मौका मिलने पर बीरबल के खिलाफ जहर उगलते थे।
एक दिन बीरबल दरबार में नहीं पहुंचे थे। तभी बाहर से कुछ आवाज़ सुनाई दी। राजा को कुछ ध्यान आया उन्होंने बीरबल से ईष्र्या करने वाले दरबारियों से पूछा, ‘‘यह आवाजे़ कैसी आ रही है।’’
दरबारी बोला, ‘‘हुजूर मैं अभी देखकर बताता हूं।’’ कहते वह दरबारी बाहर चला गया।
कुछ देर बाद वह दरबारी वापस आया। उसने कहा, ‘‘हुजूर यह ढोल-नगाड़ों की आवाज़ हैं।’’
अकबर ने पूछा, ‘‘क्यों....?’’
दूसरा दरबारी बोला, ‘‘हुजूर मैं पता करके आता हूं।’’
कुछ देर बाद वह आकर बोला, ‘‘हुजूर किसी की बरात जा रही हैं।’’
अकबर ने फिर पूछा, ‘‘किसकी....?’’
इस बार तीसरा दरबारी बोला, ‘‘हुजूर में पता करके आता हूं।’’
कुछ देर बाद वह लौट कर आया और बोला, ‘‘हुजूर किसी सेठ के बेटे की बरात हैं।’’
अकबर ने फिर प्रश्न किया, ‘‘कहां जा रही हैं।’’
अब की बार चैथा दरबारी बाहर गया और कुछ देर बाद लौटकर आया। उसने कहां, ‘‘पास के गांव में जा रही है।’’
अकबर ने फिर सवाल किया, ‘‘किसके घर?’’
इतने में बीरबल वहां आ गया। उसने अकबर का प्रश्न सुन लिया था। वह बोला, ‘‘हुजूर नगर के धनी सेठ गिरधारीलाल के बेटे की शादी पास के गांव मोहम्मदपूर के जौहरी की छोटी पुत्री सुगंधा के साथ होने वाली है।’’
बीरबल का जवाब सुनकर अकबर ताली बजाते हुए बोले, ‘‘बहुत खूब..... बीरबल, इसी गुण के कारण हम तुम्हें सबसे ज्यादा चाहते हैं।’’
अकबर दरबारियों से बोले, ‘‘एक काम को करने के लिए चार आदमी लगे, वहीं बीरबल को जो काम सौंपा ही नहीं गया था उसके बावजूद उन्होंने एक ही बार में उस का पूरा जवाब दे दिया। अब आप लोगों को समझ में आ गया होगा कि बीरबल हमारे लिए प्रिय क्यों हैं।’’
इन्हें भी पढ़े:- Status
Guru Hindi, Prerak Kahani, Business
Ideas, Women Business, Hindi
Crime Story, vastu-shastra, Feng
Shui, Tona Totka, Astrology,
राहुल अपने माता-पिता का एकलौता पुत्र था। उसके माता-पिता उसकी हर इच्छा को पूरा करते थे। माता-पिता के प्यार ने उसे बहुत उदंड व जिद्दी बना दिया था।
राहुल दुकान में जिस चीज़ पर हाथ रख देता उसे मिल जाता था। उसका कमरा विभिन्न तरह के खिलौने व पुस्तकों से भरा हुआ था।
प्रेरक कहानियां : चंदामामा | एक काम, चार आदमी, Baccho ki Kahani, Moral Stories in Hindi, Prerak Kahani, rani ki kahani , dadi ki kahani, nani ki kahani, pariyon ki kahani, baccho ki kahani, jadui kahani, moral stories, hindi mein kahaniya
एक दिन उसने पुस्तक में पढ़ा की चंदामामा बच्चे से मिलने उसके घर आते है और उसे ढ़ेर सारा उपहार देते है।
उसके माता-पिता ने काफी समझाया कि चंदामामा आसमान में ही रहते है। वह जमीन पर नहीं आ सकते। राहुल ने खाना-पीना छोड़ दिया और अपने जिद्द पर अड़ा रहा।
प्रेरक कहानियां : चंदामामा | एक काम, चार आदमी |
प्रेरक कहानियां : चंदामामा | एक काम, चार आदमी, Baccho ki Kahani, Moral Stories in Hindi, Prerak Kahani, rani ki kahani , dadi ki kahani, nani ki kahani, pariyon ki kahani, baccho ki kahani, jadui kahani, moral stories, hindi mein kahaniya
बहुत सोचने के बाद उसके माता-पिता को एक युक्ति सुझी उन्होंने छत पर एक बड़े से बर्तन में पानी भर कर रख दिया। पानी में चंदामामा की परछाई दिखाई देने लगी।
उन्होंने राहुल को आवाज़ दी, ‘‘राहुल, जल्दी आओ देखों, चंदामामा हमारे घर के छत पर आए हैं।’’
Read
This :- PrerakKahaniya | Do not work without consideration
यह सुनकर राहुल भागा-भागा छत पर गया। वहां थाली में चंदामामा की परछाई देखकर वह बहुत खुश हुआ। वह चंदामामा को पकड़ने के लिए जैसे ही पानी में हाथ डाला परछाई गायब हो गई। उसने ऊपर देखा तो चंदामामा आसमान पर दिखाई दिया।
राहुल जब भी चंदामामा को पकड़ने की कोशिश करता चंदामामा गायब हो जाते। वह समझ गया कि वह चंदामामा को पकड़ नहीं सकता हैं।
उस दिन से उसने जिद्द करना छोड़ दिया।
Read This :- PrerakKahaniya : Dadi ki Kahani | लियोन की बेवकूफी
****************
एक काम, चार आदमी
Baccho ki Kahani, Moral Stories in Hindi, Prerak Kahani, rani ki kahani , dadi ki kahani, nani ki kahani, pariyon ki kahani, baccho ki kahani, jadui kahani, moral stories, hindi mein kahaniyaबीरबल बहुत ही चतुर और बुद्धिमान था। इसीलिए अकबर बीरबल को बहुत चाहते थे। यह देखकर दरबार के बहुत से लोग बीरबल से ईष्र्या करते थे और मौका मिलने पर बीरबल के खिलाफ जहर उगलते थे।
एक दिन बीरबल दरबार में नहीं पहुंचे थे। तभी बाहर से कुछ आवाज़ सुनाई दी। राजा को कुछ ध्यान आया उन्होंने बीरबल से ईष्र्या करने वाले दरबारियों से पूछा, ‘‘यह आवाजे़ कैसी आ रही है।’’
दरबारी बोला, ‘‘हुजूर मैं अभी देखकर बताता हूं।’’ कहते वह दरबारी बाहर चला गया।
कुछ देर बाद वह दरबारी वापस आया। उसने कहा, ‘‘हुजूर यह ढोल-नगाड़ों की आवाज़ हैं।’’
अकबर ने पूछा, ‘‘क्यों....?’’
दूसरा दरबारी बोला, ‘‘हुजूर मैं पता करके आता हूं।’’
कुछ देर बाद वह आकर बोला, ‘‘हुजूर किसी की बरात जा रही हैं।’’
अकबर ने फिर पूछा, ‘‘किसकी....?’’
इस बार तीसरा दरबारी बोला, ‘‘हुजूर में पता करके आता हूं।’’
कुछ देर बाद वह लौट कर आया और बोला, ‘‘हुजूर किसी सेठ के बेटे की बरात हैं।’’
अकबर ने फिर प्रश्न किया, ‘‘कहां जा रही हैं।’’
अब की बार चैथा दरबारी बाहर गया और कुछ देर बाद लौटकर आया। उसने कहां, ‘‘पास के गांव में जा रही है।’’
अकबर ने फिर सवाल किया, ‘‘किसके घर?’’
इतने में बीरबल वहां आ गया। उसने अकबर का प्रश्न सुन लिया था। वह बोला, ‘‘हुजूर नगर के धनी सेठ गिरधारीलाल के बेटे की शादी पास के गांव मोहम्मदपूर के जौहरी की छोटी पुत्री सुगंधा के साथ होने वाली है।’’
Read
This :- moralstories in
hindi | motivational stories for employees | लीडर की बातों को महत्व दें
बीरबल का जवाब सुनकर अकबर ताली बजाते हुए बोले, ‘‘बहुत खूब..... बीरबल, इसी गुण के कारण हम तुम्हें सबसे ज्यादा चाहते हैं।’’
अकबर दरबारियों से बोले, ‘‘एक काम को करने के लिए चार आदमी लगे, वहीं बीरबल को जो काम सौंपा ही नहीं गया था उसके बावजूद उन्होंने एक ही बार में उस का पूरा जवाब दे दिया। अब आप लोगों को समझ में आ गया होगा कि बीरबल हमारे लिए प्रिय क्यों हैं।’’
****************
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.