motivational story Wrong way / गलत तरीका |
motivational story Wrong way / गलत तरीका
यह घटना उस वक्त की है, जब डां. जाकिर हुसैन जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर थे। एक दिन उनके पास एक परिचित अपने बेटे को लेकर आएं।
उस परिचित ने डां. जाकिर हुसैन से कहा, ‘‘मेरा यह नालायक बेटा दो बार नौंवी फेल हो चुका है। जब तक वह नौवी कक्षा पास नहीं होगा, तब तक दसवीं की परीक्षा नहीं दे सकता। अतः आपके पास बहुत उम्मीद लेकर आया हूं कि आप इसे नौवी कक्षा पास करवा कर दसवीं कक्षा में बैठा दें। आपके लिए तो यह बहुत ही मामूली-सा काम हैं।’’
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डां. जाकिर हुसैन अपने परिचित के मुंह से यह सुनकर सन्न रह गए। उन्हें यह जानकर बहुत आश्चर्य हुआ कि एक पिता किसी तरह अपने बच्चे की गलतियों पर पर्दा डाल रहा है और उसे गलत तरीके से आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘आप एक काम कीजिए इसके लिए दसवीं का नहीं गे्रजुएशन का फार्म ले आएं।’’
परिचित ने आश्चर्य से पूछा, ‘‘क्यों?’’
डां. जाकिर हुसैन बोले, ‘‘जब गलत काम करना है तो बार-बार क्यों एक ही बार में पूरा कर लिया जाएं। इसे नौवी पास करवाएंगे तो यह दसवीं में फेल होगा। वह बार-बार फेल होगा और आप बार-बार मेरे पास आएगें। इसीलिए एक बार में ही इसे ग्रेजुएशन कराने में क्या बुराई हैं।’’ उनकी बात सुनकर परिचित को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने अपने व्यवहार के लिए क्षमा मांगी।
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