moral stories in hindi : new motivational story | भाग्य के भरोसे न रहें |
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moral stories in hindi : new motivational story | भाग्य के भरोसे न रहें
तीन दोस्त थे। तीनों एक दिन अपना भविष्य जानने के लिए एक ज्योतिष के पास पहुंचे।
उन्होंने ज्योतिष से एक ही सवाल किया, ‘‘क्या में परीक्षा में पास हो जाऊंगा?’’
ज्योतिष ने उनकी बातें सुनी और अपनी एक ऊंगली ऊपर की ओर उठा दिया।
यह देख कर तीनों मित्र बहुत खुश हो गए। उन्होंने समझा की वे तीनों ही परीक्षा में अव्वल आएंगे।
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जब रिजल्ट आया तो तीनों दोस्त में से सिर्फ एक ही पास हुआ था।
यह देखकर चेले ने ज्योतिष से पूछा, ‘‘महाराज, आप तो महाज्ञानी हैं।आपको कैसे पता चल गया था कि उन तीन लड़कों में से केवल एक ही पास होगा?’’
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ज्योतिष ने कहा, ‘‘मैं महाज्ञानी नहीं हूं। यह सब तो मेरे एक उंगली का खेल हैं।’’
‘‘एक उंगली का...... मैं कुछ समझा नहीं, आप विस्तार से बताइये।’’ चेले ने आश्चर्य से पूछा।
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ज्योतिष बोला, ‘‘मैं बोलता नहीं हूं..... उस दिन मेरी एक ऊंगली ने ही सब बोल दिया था। जब मैंने अपनी एक ऊंगली उठाई तो इसका मतलब था एक पास होगा। ऐसा हुआ तो मेरी भविष्यवाणी सही हो गयी।
जब दो पास और एक फेल होता तब भी मेरी भविष्यवाणी सही होती, क्योंकि उस समय वे सोचते कि मैंने उनमें से एक को फेल होने की बात की थी।
यदि तीनों फेल या तीनों पास हो जाते तब भी मैं सही माना जाता, क्योंकि उस तीनों एक ही श्रेणी में आते। पास या फेल। इस तरह से मेरे द्वारा कहीं बात को सही मान लेते है।’’
ज्योतिष की बात सुनकर चेला बोला, ‘‘इसका मतलब क्या हुआ?’’
ज्योतिष बोला, ‘‘इसका मतलब यह हुआ कि भाग्य के भरोसे ना रहे।’’
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शिक्षा:- short inspirational stories in hindi | moral stories in hindi : new motivational story | भाग्य के भरोसे न रहें
इस कहानी से शिक्षा मिलती हैं कि
- व्यक्ति की सफलता उसके विश्वास पर टिकी होती है। यदि आप अपने जीवन में सफलता पाना चाहते हैं, अभावों को दूर करना चाहते हैं, अपने लक्ष्य तक पहुंचना चाहते हैं, अपने सपनों को साकार करना चाहते है तो भाग्यवाद को भुला दें।
- भाग्य के सहारे बैठे रहने वाला व्यक्ति जीवन में कुछ नहीं कर पाता है। अपने हाथों से अपना भाग्य लिखना चाहते है तो अपने अंदर की सोई शक्तियों को जगाइए व उनसे भरपूर लाभ उठाइए।
- अपने आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय के साथ अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ेगे तो आपको कामयाबी अवश्य प्राप्त होगी।
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