Baccho ki Kahani | लालची शिकारी | Moral Stories in Hindi | Apeksha Mazumdar
हिरण, कछुआ, चूहा और कौआ में गहरी दोस्ती थी। चारों दिन में अपने-अपने भोजन की तलाश में चले जाते और शाम को बैठकर अपनी-अपनी दिनभर की बातें बताते।
एक दिन एक शिकारी उधर से गुजरा। उसके आने की आहत पाकर हिरण कुलाचे मारते हुए वहां से दूर भाग गया। चूहा अपने बिल में घुस गया और कौआ उड़कर पेड़ पर बैठ गया। लेकिन कछुआ विचारा शिकारी के हाथ पकड़ा गया।
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कछुआ लेकर शिकारी वहां से चला गया। यह देखकर तीनों दोस्तों को बहुत दुख हुआ। तीनों मिलकर कछुआ को उस शिकरी के हाथों से छुड़ाने की योजना बनाने लगे।
शिकारी जिस रास्त से जा रहा था। तीनों उसी तरफ चल दिए। वहां कुछ आगे जाकर हिरण एक तालाब के पास निर्जीव सा लेट गया और कौआ उसके ऊपर बैठ गया।
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शिकारी ने जब मरा हुआ हिरण देखा तो उसने सोचा, ‘इसे भी अपने साथ ले जाना चाहिए।’ उसने कछुएं को जमीन पर रख दिया और हिरण को ले जाने की तैयार करने लगा।
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मौका पाकर कछुआ तालाब के पानी में चला गया। शिकारी को आता देख कौआ पेड़ पर चढ़ गया व हिरण उठकर वहां से भाग गया। यह देखकर शिकारी अपना सिर पीटता रह गया। लालच में आकर उसने अपने हाथ आया हुआ शिकार भी खो दिया था।
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