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प्रेरक कहानी : मच्छर की बेवकूफी | Moral Stories in Hindi | Apeksha mazumdar |
Moral Stories in Hindi | मच्छर की बेवकूफी | Prerak Kahani | Apeksha mazumdar
Moral Stories in Hindi | मच्छर की बेवकूफी | Prerak Kahani | प्रेरक कहानी, मच्छर की बेवकूफी कहानी के माध्यम से समझाने की कोशिश की गई है कि बिना विचारे कभी भी किसी भी काम को नहीं करना चाहिए। बिना सोचे समझे किसी काम को करने से अक्सर नुकसान उठाना पड़ता हैं। जो व्यक्ति बिना विचार काम करता हैं, उसे भगवान भी नहीं बचा सकता।
एक खटमल था। वह एक व्यापारी के घर पर उसके पलंग में रहता था। वह व्यापारी का खून पीकर सुखपूर्वक अपना जीवन गुजार रहा था।
एक दिन उस कमरें में एक मच्छड़ उड़ते-उड़ते आ गया। व्यापारी को सोया हुआ देखकर वह खुशी से गुनगुनाने लगा।
उसे गुनगुनाते देख खटमल ने टोकते हुए कहा, ‘‘मच्छर भाई आवाज़ मत करो, वर्ना सेठ जाग जाएगा।’’
खटमल की बात सुनकर मच्छर बोला, ‘‘चुप कर, मुझे मत सीखा।’’
यह देखकर खटमल समझ गया कि यदि वह यहां रूका तो उसकी खैर नहीं। इस बेवकूफ की वजह से उसकी भी मौत हो सकती हैं। वह पलंग से उतर कर पास के एक मेज में छुप गया।
मच्छर ने खटमल की बात अनसुनी कर दी और जोर-जोर से गाना गाने लगा।
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मच्छर के भुनभुनाने से व्यापारी की नींद खुल गई। उसने मच्छर को देखा और उसे मार दिया। खटमल कुर्सी के अंदर से यह सब देखकर सहम गया।
खटमल ने सोचा, ‘जो बिना विचार काम करता हैं, उसे भगवान भी नहीं बचा सकता।
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