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लघुकथाएं | Hindi Short Stories | इन्तजार | Dr. M.K. Majumdar
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laghu katha | Hindi Short Stories | इन्तजार | Dr. M.K. Majumdar 

‘इन्तजार ’ डाॅ. एम.के. मजूमदार द्वारा लघुकथा संग्रह में से एक है। इनकी लघुकथाएं देश के विभिन्न पत्रिकाओं और पेपर में प्रकाशित हो चुकी है। कल और आज के परिवेश में काफी बदलाव आया है। हो सकता है कुछ लघुकथाएं वर्तमान समय में अटपटी लगे पर अनेक लघुकथाएं आज के सदंर्भ में भी उतनी ही सटीक बैठती हैं। लघुकथा के परिवेश और काल को समझने के लिए प्रत्येक लघुकथा के लेखन के वर्ष को भी दर्शाया गया है जिससे पाठक उस काल को ध्यान में रखकर लघुकथा की गहराई को महसूस कर सकें।  आप भी इन्हें पढ़े और अपने विचार कमेंट बाॅक्स में जरूर लिखें। 




इन्तजार


‘‘मां, इतनी कड़कड़ाती ठंड में इन मामूली कपड़े से ठंड दूर नहीं होती .....।’’ कहते हुए बच्चे के दांत जोर से किट-किटाने लगे।

‘‘क्या करें बेटा ... हमारा भाग्य ही ऐसा है।’’ कहते हुए मां ने बच्चे को अपने गोद में छिपा लिया।

‘‘मां पिछले साल की तरह इस बार भी दंगा होता तो कितना अच्छा होता ........ मरे लोगों के अच्छे-अच्छे कपड़े हमें मिल जाते’’, बच्चे ने कहा।

कड़कड़ाती ठंड में मां पसीने से भीग गयी। ............... More (1985)





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