उचित और ठोस उपाय ढुंढ़ें | new motivational story | prerak kahaniya |
उचित और ठोस उपाय ढुंढ़ें | new motivational story | prerak kahaniya | Apeksha Mazumdar
ब्लैकी बिल्ली रोज चूहों की बस्ती में आती और वहां से दो-चार चूहे पकड़ कर ले जाती थी। इस तरह चूहों की संख्या दिन प्रति दिन कम होने लगी।चूहों की बस्ती में सभी चूहें बिल्ली की इस हरकत से परेशान थे, क्योंकि आएं दिन किसी न किसी के परिवार का सदस्य उसके हाथों मारा जा रहा था। उनकी समझ में नहीं आ रहा था क्या करे।
एक दिन चूहों के सरदार ने चूहों की मीटिंग बुलायी। बस्ती के सारे चूहे एक जगह जमा हो गए।
चूहों के सरदार ने कहा, ‘‘ब्लैकी बिल्ली से हमें मुकाबला करना होगा। नहीं तो एक दिन हम सारे खत्म हो जाएंगे।’’
‘‘इसके लिए हमें क्या करना होगा?’’ चूहों ने पूछा।
‘‘बिल्ली से हम कैसे मुकाबला कर सकते हैं?’’ एक अन्य चूहे ने कुछ सोचते हुए कहा।
‘‘इसके लिए बिल्ली के गले में घंटी बांधना होगा।’’ चूहों के सरदार ने कहां।
‘‘वही पुराना फार्मूला।’’ किसी चूहे ने कहा।
‘‘फिर वहीं समस्या कि बिल्ली के गले में घंटी बांधेंगा कौन?’’ कई चूहों ने एक साथ कहां।
‘‘हां, लेकिन घंटी नहीं बिल्ली के गले में मोबाइल बांधना होगा।’’ चूहों के सरदार ने कहा।
‘‘इससे क्या फायदा होगा? एक चूहे ने सवाल किया।
Baccho ki Kahani, dadi ki kahani, Inspirational Short Stories, Moral Stories in Hindi, motivational stories for employees, motivational stories for students, Motivational Story In Hindi, nani ki kahani, new motivational story, Prerak Kahani, Prerak Kahaniya, prerak prasang, Short Motivational Story In Hindi
उचित और ठोस उपाय ढुंढ़ें | new motivational story | prerak kahaniya
‘‘मोबाइल में हम कुत्ते के भौं भौं का रिंग टोन डाल देंगे। जब भी बिल्ली हमारे बस्ती में आएगी। हम अपने मोबाइल से बिल्ली के गले में लटके मोबाइल का नंबर डायल कर देंगे। मोबाइल भौं भौं की आवाज के साथ बज उठेगा। भौं भौं की आवाज सुनकर ब्लैक बिल्ली यहां से भाग जाएगी।’’ चूहों के सरदार ने सभी को अपना आइडिया बताया।
‘‘आइडिया तो अच्छा है मगर ब्लैकी बिल्ली के गले में मोबाइल कैसे बांधेगे?’’
‘‘ब्लैकी बिल्ली के गले में मोबाइल बांधने के लिए हम सबको मिलकर कोई उपाय ढुंढ़ना पड़ेगा।’’ चूहों के सरदार ने कहा।
‘‘क्यों न हम ब्लैकी बिल्ली का सम्मान करने के बहाने उसके गले में मोबाइल बांध देते हैं।’’ मीकू चूहे ने कहा।
सम्मान करने के बहाने ब्लैकी बिल्ली के गले में मोबाइल बांधने का आइडिया सभी को पसंद आया।
सभी चूहे ब्लैकी बिल्ली के सम्मान की तैयारी में लग गए।
एक बूढ़ा चूहा ब्लैकी बिल्ली के पास गया और उसे निमन्त्रण पत्र दे दिया। बूढ़े चूहे ने उसकी जमकर तारीफ की और उसे प्रोग्राम में आने के लिए तैयार कर लिया।
ब्लैकी बिल्ली के सम्मान के लिए एक स्पेशल हार बनाया गया। उसमें लाकेट की जगह एक छोटा सा मोबाइल लगा दिया।
प्रोग्राम के दिन चूहों के सरदार ने ब्लैकी की खूब तारीफ की। अपनी तारीफ सुनकर ब्लैकी बिल्ली फुली नहीं समा रही थी।
चूहों के सरदार ने ब्लैकी को स्टेज पर बुलाया तो वह कैटवाक करते हुए स्टेज पर पहुंची। चूहों के सरदार ने उसके गले में हार डालकर उसका सम्मान किया।
Baccho ki Kahani, dadi ki kahani, Inspirational Short Stories, Moral Stories in Hindi, motivational stories for employees, motivational stories for students, Motivational Story In Hindi, nani ki kahani, new motivational story, Prerak Kahani, Prerak Kahaniya, prerak prasang, Short Motivational Story In Hindi
उचित और ठोस उपाय ढुंढ़ें | new motivational story | prerak kahaniya
ब्लैकी ने अपने हाथ में माइक लेकर कहा, ‘‘चूहों द्वारा किए गए सम्मान से उसे यह समझने का मौका मिला कि छोटे जानवरों को भी जीने का अधिकार देना चाहिए। आज मैं उन्हें वचन देती हूॅ कि आज के बाद मैं चूहों की बस्ती में शिकार करने नहीं आऊंगी।’’
ब्लैकी बिल्ली का भाषण समाप्त होने पर चूहों ने ताली बजा कर स्वागत किया।
ब्लैकी बिल्ली की बात सुनकर मीकू चूहे ने फुसफुसा कर कहा, ‘‘सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।’’
मीकू की बात सुनकर आसपास के चूहे हंसने लगे।
बिल्ली तो बिल्ली ठहरी जोश में आकर उसने चूहों को न खाने के लिए कह तो दिया लेकिन उसका मन कहा मानने वाला था। अगले दिन ही चूहे पकड़ने के लिए चूहों की बस्ती में पहुंच गई।
चूहों के सरदार को यह बात मालूम थी कि बिल्ली ढाई पैर चलते ही अपनी कहीं बातों को भूल जाएगी। इसीलिए वह ब्लैकी बिल्ली के आने का इंतजार करने लगा।
कुछ समय बाद ही सरदार ने देखा ब्लैकी चूहों की बस्ती की और चली आ रही हैं। ब्लैकी जैसे ही चूहों की बस्ती के पास पहुंची सरदार ने अपने मोबाइल से बिल्ली के गले में लटके मोबाइल का नंबर डायल कर दिया। बिल्ली के गले में लटका मोबाइल अचानक भौं भौं की आवाज के साथ बजने लगा।
अचानक कुत्ते की आवाज़ सुनकर ब्लैकी घबरा गई। उसने लगा कि यहीं आस-पास कुत्ता हैं। वह कुत्ते की आवाज सुनकर उल्टे पैर वहां से भागी।
Baccho ki Kahani, dadi ki kahani, Inspirational Short Stories, Moral Stories in Hindi, motivational stories for employees, motivational stories for students, Motivational Story In Hindi, nani ki kahani, new motivational story, Prerak Kahani, Prerak Kahaniya, prerak prasang, Short Motivational Story In Hindi
उचित और ठोस उपाय ढुंढ़ें | new motivational story | prerak kahaniya
इसके बाद जब भी ब्लैकी चूहों की बस्ती की तरफ जाती उसे भौं भौं की आवाज सुनाई देती।
कुत्ते के भौंकने की आवाज़ सुनकर ब्लैकी ने समझा कि चूहों ने उसे भगाने के लिए अपनी बस्ती में किसी कुत्ते को रख लिया हैं, जो उसके आते ही भौंकने लगता हैं। यदि वह बस्ती के ओर करीब गई तो निश्चित ही वह मुझे पकड़ कर मार डालेगा।
यह विचार आते ही ब्लैकी डर के मारे कांपने लगी। उसने चूहों की बस्ती की ओर आना छोड़ दिया।
ब्लैकी बिल्ली के न आने से चूहों की बस्ती के सारे चूहे खुश थे, लेकिन उनकी खुशी अधिक दिनों तक नहीं रह सकी।
उनकी बस्ती में व्हाइटी नाम की एक दूसरी बिल्ली आने लगी। और चूहों को पकड़ कर ले जाने लगी।
यह देखकर सभी चूहें परेशान हो गए। उन्होंने अपने सरदार से कहा, इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए व्हाइटी के गले में भी मोबाइल बांध देना चाहिए।
चूहों के सरदार ने कहां, ‘‘सभी बिल्ली के गले में मोबाइल बांधना संभव नहीं हैं। इसके लिए अब हमें कोई पर्मानेंट उपाय सोचना होगा।’’
चूहों के सरदार ने सोचविचार कर बस्ती में पहरा देने के लिए टाॅमी कुत्ते को नियुक्त कर दिया। अब कोई भी बिल्ली चूहों की बस्ती में नहीं आती थी।
Baccho ki Kahani, dadi ki kahani, Inspirational Short Stories, Moral Stories in Hindi, motivational stories for employees, motivational stories for students, Motivational Story In Hindi, nani ki kahani, new motivational story, Prerak Kahani, Prerak Kahaniya, prerak prasang, Short Motivational Story In Hindi
शिक्षा:- उचित और ठोस उपाय ढुंढ़ें | new motivational story | prerak kahaniya
इस कहानी से शिक्षा मिलती हैं कि
- यदि किसी समस्या पर मिलजुल कर विचार किया जाएं तो उस समस्या से बचने के लिए कोई न कोई रास्ता जरूर निकल आता है।
- कभी-कभी समस्या के हल हो जाने के बाद भी नई समस्या उत्पन्न हो जाती है। नई समस्या उत्पन्न होने पर उससे भागने की बजाएं उचित और ठोस उपाय ढुढ़ना चाहिए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.