Moral Stories in Hindi : ग्लैमर के पीछे न भागें |
Prerak Kahani : ग्लैमर के पीछे न भागें | Prerak Kahani | Apeksha Mazumdar
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राहुल सलमान का बहुत फैन था। बात-बात पर वह सलमान की स्टाइल करता था।
‘तेरे नाम’ देखने के बाद उसने सलमान के जैसे बाल भी कटवा लिए थे। वह जहां तहां सलमान की तरह शर्ट उतार कर फैंक देता था। उसमें पूरी तरह से सलमान बनने का जुनून था।
एक दिन उसने घर से गहने और रूपये चुराकर मुंबई भाग गया। जैसे ही वह कुर्ला स्टेशन पर उतरा, उसे देखकर दो आदमी उसके पास आये।
उन्होंने कहां, ‘‘सलमान भाई, असलाम वालेकुम। मैं चकरम और यह अकरम।’’
‘‘भाई, मैं सलमान नहीं हूं। मेरा नाम तो राहूल हैं।’’ राहूल ने कहां।
‘‘वाह! वैसे देखकर तुम सलमान खान से कम नहीं लगते हो। हर एंगिल से सलमान खान दिखते हो। हमारे डायरेक्टर ने अगर तुमको देखा तो वह भी धोखा खा जाएगा। कहेगा, अरे, बाबा तुम लोग सलमान को यहां कैसे लेकर आ गया।’’ अकरम ने कहां।
अपनी तारीफ सुनकर राहूल फुल कर कुप्पा हो रहा था।
अकरम और चकरम ने राहूल से कहां, वे एक बड़े बजट की फिल्म बना रहे है।
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चकरम बोला, ‘‘भाई, आप अगर हमारी फिल्म में काम करना चाहते हो तो हम अभी आपको साइन करते हैं।’’
‘‘क्या कह रहे हो.... मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा हैं। कहीं मैं सपना तो नहीं देख रहा हूॅ।’’ राहूल ने आश्चर्य से कहां।
‘‘देखो, इस फिल्म को बनाने वाले पिछले कई महीनों से हीरो की तलाश कर रहे हैं। आज आपको देखा तो हमें लगा ऊपर वाले ने हमारी सुन ली।’’ अकरम ने कहां।
‘‘हमारी कहानी के हिसाब से हीरो के रोल में सलमान ही फिट होते है। सलमान से हमने बात की थी, लेकिन उनके पास डेट की प्राब्लम हैं। सलमान के बाद यह रोल आप ही कर सकते हैं।’’
अकरम और चकरम बातें करते हुए राहूल को एक चाय की दुकान पर ले गये।
तीनों ने चाय नाश्ता किया और राहूल से बिल चुकाने के लिए कहां। हीरो बनने की खुशी में राहूल ने खुशी-खुशी पूरा बिल चुका दिया।
अकरम ने कहां, ‘‘आपको किसी दुसरे होटल में ठहरने की जरूरत नहीं। हमारे साथ रहना। कंपनी उसका पेमेंट कर देंगी।’’
‘‘.....मतलब।’’
‘‘मतलब, कंपनी ने फाइव स्टार होटल में कई कमरे बुक करके रखे है। आर्टिस्ट वहीं आराम से रूक सकते हैं वहां एसी, कलर टीवी, वगैरह सब लगा हुआ हैं।’’
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राहूल उनके साथ होटल चला आया।
होटल साधारण था।
राहूल होटल के बारे में कुछ कहता इसके पहले चकरम बोला, ‘‘तुम यहां फ्रेश होकर आराम करोे। शाम को फाइव स्टार होटल में ले चलेंगे।’’
अकरम और चकरम राहूल को होटल में छोड़कर चले गये।
राहूल खुशी से उछल पड़ा। उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि मुंबई आते ही उसे फिल्म में काम मिल जाएगा। ‘एक फिल्म मार्केट में आते ही आटोग्राफ देते-देते वह थक जायेंगा।’ यह कल्पना करते हुए वह खुशी से उछल पड़ा।
शाम को अकरम और चकरम राहूल के पास आये।
उन्होंने उससे कहा, ‘‘आज शाम को सेवन स्टार होटल सहारा इन्टरनेशल में फिल्म का मुहूर्त रखा गया हैं। मुहूर्त का कैल्प शौट देने के लिए बिग बी आने वाले है। ’’
‘‘वाह!’’
चकरम ने राहूल से कहां, ‘‘अभी आपके पास कुछ रूपये हो तो दे दो, शाम को साइनिंग एमाउंट के साथ लौटा देंगे। ’’
‘‘मेरे पास नगद रूपये नहीं है। कुछ सोने के गहने है।’’ राहूल ने कहां।
‘‘कोई बात नहीं, वह भी चलेगा।’’
उन्होंने राहूल से गहने ले लिए और जाते-जाते कहां, ‘‘शाम को तैयार होकर यहां से टैक्सी पकड़ कर सहारा इन्टरनेशल होटल पर आ जाना। वहां प्रोडूसर, डायरेक्टर, हिरोइन सबसे मुलाकात हो जायेगी। मुहूर्त में चैनल वाले भी आयेंगे। इससे तुम रातों रात सारी दुनिया में छा जाओंगे।’’
शाम को तैयार होकर राहूल सहारा इन्टरनेशल होटल में पहुंचा तो वहां कुछ भी नहीं था।
लोगों से पूछने पर पता चला की यहां ऐसा कोई भी कार्यक्रम नहीं होने वाला है। अब राहूल की समझ में आया की अकरम और चकरम ने उसे बेवकूफ बना कर उससे बीस लाख की ज्वैलरी ठग ली है।
वह लुटा पीटा होटल पहुंचा।
होटल पहुंचते ही मैनेजर ने उसे बिल पकड़ाते हुए कहां, ‘‘यह दस हजार का बिल अभी पैमंेट कर दो।’’
राहूल चैंकते हुए बोला, ‘‘दस हजार का बिल, मैं आज ही सुबह आया हूं। दस हजार का बिल कैसे हो गया।’’
मैंनेजर ने बताया, पिछले आठ दिनों से आपके दोनों दोस्त यहां रह रहे थे। यह सारा बिल उनका हैं। वे दोनों शाम को कह कर गए है कि सारा बिल आप चुका देंगे।’’
राहूल परेशान हो गया। मन ही मन सोच रहा था कि उसने कितनी बड़ी गलती की हैं घर से भाग कर। उसने पापा के मेहनत की कमायी के बीस लाख की ज्वैलरी भी लुटा दी। ऊपर से दस हजार का फर्जी बिल भी उसके गले पड़ गया।
राहुल ने मैनेजर को समझाने की कोशिश की लेकिन मैनेजर ने उसकी बातों पर यकीन नहीं किया।
बिल न चुका पाने पर मैनेजर ने राहूल को अपने यहां बर्तन धोने के लिए रख लिया।
कहां वह हीरो बनने आया था और कहां एक नौकर बन कर रह गया था।
वह दिन भर होटल में बर्तन धोते-धोते थक जाता था। वह मन ही मन अपने किए पर पश्चाताप कर रहा था।
एक दिन मौका पाकर वह वहां से भाग निकला। किसी तरह अपने घर पहुंचा। उसने अपने माता-पिता को सारी बात बता कर मांफी मांगी। उसके माता-पिता ने उसे माफ कर दिया।
उसके पिता ने कहा, ‘‘सुबह का भूला यदि शाम को लौट आए तो उसे भूला नहीं कहा जाता।’’
राहूल के सिर से अब फिल्मी भूत उतर चुका था। वह अच्छे से पढ़ाई करने लगा।
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शिक्षा:- ग्लैमर के पीछे न भागें | Prerak Kahani
इस कहानी से शिक्षा मिलती हैं कि- फिल्मी ग्लैमर को देखकर कभी भी बिना सोचे विचारे अपने घर से नहीं भागना चाहिए। इससे किसी गलत इंसान के हाथ पड़ गये तो जिंदगी बर्बाद हो जाती है।
- फिल्मों में काम पाने के लिए पढ़ाई के साथ-साथ डांस, एक्ंिटग व एक्शन जैसे विद्या का सीखना भी जरूरी हैं। इनमें पारंगत होने पर ही आप फिल्मों में काम पा सकते है।
- सपने देखने चाहिए, लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत और तैयारी भी करना जरूरी हैं।
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