Baccho ki Kahani : Story of lion and jackal in hindi / शेर और गीदड़ की कहानी |
Baccho ki Kahani | Story of lion and jackal in hindi / शेर और गीदड़ की कहानी | Apeksha Mazumdar
एक जंगल में एक शेर रहता था। वह काफी बूढ़ा हो चुका था और शिकार नहीं कर पाता था। इस वजह से उसे कई बार भूखा ही रहना पड़ता था।
एक दिन वह शिकार की खोज में दर-दर भटकते हुए एक गुफा के पास पहुंचा।
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गुफा देखकर उसने सोचा, ‘इस गुफा में जरूर कोई जानवर रहता हैं। यदि मैं इस गुफा के अंदर छुप कर बैठ जाऊं और जैसे ही कोई जानवर आएगा मैं उसे पकड़ कर खा लूंगा।’
गुफा एक गीदड़ का था। गीदड़ जब अपने गुफा के पास आया तो उसे शेर के पंजो के निशान दिखाई दिए। उसने अपनी शंका को दूर करने के लिए कहा, ‘‘हे गुफा, मैं आ गया हूं.......।’’
Baccho ki Kahani / Story of lion and jackal in hindi
गुफा के अंदर से कोई आवाज नहीं आई। गीदड़ बोला, ‘‘हे गुफा, तेरा और मेरा समझौता हुआ था कि मैं जब भी बाहर से आऊंगा तू मेरा स्वागत करेगा, लेकिन आज तूने मेरा स्वागत नहीं किया, इसलिए मैं तुझे छोड़कर जा रहा हूं।’’
गुफा के अंदर बैठे शेर ने जब गीदड़ की बात सुनी तो उसने सोचा, ‘शायद यह गुफा बोलता हैं।’ उसने अपनी आवाज बदल कर कहां, ‘‘आओ....आओ गीदड़ भाई, इस गुफा में तुम्हारा स्वागत हैं।’’
शेर की आवाज सुनकर गीदड़ समझ गया की अंदर शेर बैठा है।
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शेर की आवाज सुनकर गीदड़ वहां से भाग गया।
काफी देर तक जब कोई अंदर नहीं आया तो शेर गुफा के बाहर आया। उसने देखा, वहां कोई नहीं था।
गीदड़ अपनी चतुराई से बच गया और शेर अपनी बेवकूफी के लिए हाथ मलता रह गया।
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मोम का शेर
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एक दिन एक व्यापारी अकबर के दरबार में आया। उसने कहा, ‘‘हुजूर, मैंने सुना हैं, बीरबल बहुत बुद्धिमान है।’’
अकबर बोले, ‘‘इसमें कोई दो राय नहीं है।’’
व्यापारी बोला, ‘‘मैं कैसे मान लूं।’’
अकबर बोले, ‘‘तुम खुद उनकी परीक्षा ले लो।’’
व्यापारी ने अपने साथ लाएं एक पिंजरे से कपड़ा हटाते हुए कहा, ‘‘बीरबल, इस शेर को पिंजरा खोले बगैर बाहर निकाल दो तो मैं मान जाऊंगा कि तुम बुद्धिमान हो।’’
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पिंजरे में बैठे हुए शेर को देखकर सभी सहम गए। अकबर भी सोच में पड़ गए कि इतने बड़े शेर को बिना दरवाजा खोले कैसे बाहर निकाला जा सकता हैं।
बीरबल पिंजरे के पास गया। उसने शेर को गौर से देखा। फिर हंसते हुए बोला, ‘‘हुजूर मैं इसे निकाल सकता हूं।’’
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बीरबल ने नौकर से कुछ लकड़ियां मंगवाई और उन्हें पिंजरे के आसपास रखवा दिया। बीरबल ने जैसे ही लकड़ियों में आग लगाई पिंजरा गर्म हो गया। उसके अंदर बना मोम का शेर पिघल कर बाहर आने लगा।
यह देखकर अकबर ने पूछा, ‘‘बीरबल, तुम्हंे कैसे पता चला कि शेर मोम का बना हैं।’’
बीरबल बोला, ‘‘हुजूर, जब मैं पिंजरे के पास गया शेर एकदम निश्चित एक ही दिशा में देखते हुए बैठा था। शेर का पेट चाहे कितना भी भरा क्यों न हो फिर भी अपने पास आने वाले इंसान को देखकर एक बार जरूर दहाड़ता है।
उसकी स्थिति से ज्ञात हो गया कि यह शेर नकली हैं, लेकिन मिट्टी या अन्य किसी धातु का बना हुआ शेर पिंजरा खोले वगैर बाहर कैसे निकल सकता हैं। मोम ही एक ऐसी चीज है जो गर्म होकर पिघल सकती थी और मैंने वहीं किया।’’
बीरबल ने अपने बुद्धि का परिचय देते हुए व्यापारी को मुंह तोड़ जवाब दे दिया।
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