Short Motivational Story In Hindi | Baccho ki Kahani | Nani ki Kahani
तैमूरलंग नाम का एक क्रूर शासक था। उसने सैकड़ों लोगों को जान से मार दिया। हजारों बस्तियां उजाड़ दी और खून की नदियां बहा दी। उसकी क्रूरता दिनप्रतिदिन बढ़ती गई। कहा जाता है कि एक बार तैमूरलंग ने बगदाद में एक लाख लोगों के सिर कटवाकर पहाड़ बनाया। लोगों को जान से मारने में उसे मजा आता था।
एक बार उसके सामने बहुत से बंदी पकड़ कर लाएं गए। उन बंदियों में तुर्किस्तान का एक मशहूर कवि अहमदी भी था।
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तैमूरलंग ने अहमदी की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘सुना हैं कवि को इंसानों की बहुत अच्छी परख होती हैं। क्या तुम मेरे उन गुलाम की कीमत बता सकते हो?’’
अहमदी ने गुलाम को देखते हुए कहा, ‘‘हां, ....उनकी कीमत पांच अशर्फियों से अधिक नहीं हैं।’’
अहमदी की बात सुनकर तैमूरलंग ने ताली बजाते हुए कहा, ‘‘बहुत खूब...... और मेरी......।’’
‘‘पच्चीस अशर्फियां.....।’’ अहमदी ने निर्भय होकर कहा।
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अहमदी की बात सुनकर तैमूरलंग को गुस्सा आ गया उसने चिल्लाते हुए कहा, ‘‘इतने की तो मेरी यह टोपी है।’’
अहमदी ने कहा, ‘‘वहीं तो सबकुछ है, इसीलिए मैंने केवल उसी की कीमत बताई हैं।’’
तैमूरलंग समझ गया कि कवि की नज़र में उसकी कीमत दो कौड़ी की भी नहीं है।
अहमदी की निरडरता, स्पष्टवादीता और हिम्मत को देखकर तैमूरलंग खुश हो गया और उसने उसे मुक्त कर दिया।
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