motivational stories for employees | new motivational story | धार तेज करते रहें - Prerak kahani | Hindi Stories

Breaking

Home Top Ad

motivational stories for employees | new motivational story | धार तेज करते रहें

motivational stories for employees | new motivational story | धार तेज करते रहें | moral stories in hindi | new motivational story
motivational stories for employees 

moral stories in hindi | new motivational story | धार तेज करते रहें


लकड़हारा ‘अ’ एक कंपनी में पिछले पांच साल से काम कर रहा था। इस बीच उसकी तनख्वाह एक बार भी नहीं बढ़ी।

उसी कंपनी में लकड़हारा ‘ब’ भी काम करता था। 

पिछले पांच सालों में लकड़हारा ‘ब’ ने कई तरक्की पायी थी। उसकी तनख्वाह ‘अ’ की तुलना में काफी बढ़ गई थी।

एक दिन जब यह बात लकड़हारा ‘अ’ को पता चली तो उसे काफी बुरा लगा। वह कंपनी के डायरेक्टर के पास गया।

motivational stories for employees | new motivational story | धार तेज करते रहें | moral stories in hindi | new motivational story  

लकड़हारा ‘अ’ ने डायरेक्टर से कहां, ‘‘कंपनी में ऐसी दोहरी नीति क्यों है? पिछले पांच सालों में मुझे एक भी तरक्की नहीं दी गई, जबकि लकड़हारा ‘ब’ को कई तरक्की दी गई हैं। उसकी तनख्वाह भी बढ़ाई गई हैं।’’

डायरेक्टर ने उसे समझाते हुए कहा, ‘‘तुम आज भी उतने ही पेड़ काट रहे हो जितने पिछले पांच साल पहले काटते थे, जबकि लकड़हारा ‘ब’ तुमसे अधिक पेड़ काटता है। 

उसके उत्पादन से कंपनी को फायदा हुआ है, इसीलिए उसे पांच साल में कई तरक्की दी गई और उसकी तनख्वाह भी बढ़ाई गई हैं। तुम भी ऐसा कर सकते हो तो हमें तुम्हारी तनख्वाह बढ़ाने में खुशी होगी।’’


motivational stories for employees | new motivational story | धार तेज करते रहें | moral stories in hindi | new motivational story
motivational stories for employees

यह सुनकर, लकड़हारा ‘अ’ वहां से चला गया। वह अधिक पेड़ काटने के लिए बड़े जोश से अपने काम में लग गया, लेकिन वह अधिक पेड़ नहीं काट पाया।

निराश होकर वह लकड़हारा ‘ब’ के पास गया। उसने लकड़हारा ‘ब’ से पूछा, ‘‘तुम मुझ से ज्यादा संख्या में पेड़ कैसे काट लेते हो?’’

motivational stories for employees | new motivational story | धार तेज करते रहें | moral stories in hindi | new motivational story 

लकड़हारा ‘ब’ ने कहा, ‘‘अपनी धारदार कुल्हाड़ी की वजह से। तुमने अपनी कुल्हाड़ी में कब धार दी थी?’’

लकड़हारा ‘अ’ ने सोचते हुए कहां, ‘‘क्यों?’’

लकड़हारा ‘ब’ ने कुल्हाड़ी देखते हुए पूछा, ‘‘तुम पहले यह तो बताओं कि तुमने अपनी कुल्हाड़ी में कब धार दी थी।’’ 

Read This :- moral stories in hindi | dadi ki kahani | गुडविल बनाएं रखें


लकड़हारा ‘अ’ बोला, ‘‘पांच साल पहले, जब मैंने इस कुल्हाड़ी का इस्तेमाल करना आरम्भ किया था। तब से आज तक मैंने इसमें कभी धार नहीं लगाई।’’


motivational stories for employees | new motivational story | धार तेज करते रहें | moral stories in hindi | new motivational story 

‘‘यहीं वजह है कि तुम ज्यादा पेड़ नहीं काट पाते हो, जबकि मैं एक पेड़ काटने के बाद कुल्हाड़ी पर अच्छी धार लगाता हूं। इसके बाद ही दूसरा पेड़ काटने में जुट जाता हूं।’’ लकड़हारा ‘ब’ ने समझाते हुए कहा।

लकड़हारा ‘ब’ की बातों को सुनकर लकड़हारा ‘अ’ को अपनी कमजोरी का पता चल गया। उसने अपनी गलती को सुधारा और अपने काम में सफलता प्राप्त की।




शिक्षा :- motivational stories for employees | new motivational story | धार तेज करते रहें | moral stories in hindi | new motivational story 


इस कहानी से शिक्षा मिलती हैं कि

  • आप सफलता पाना चाहते हैं तो सिर्फ काम में जुटे रहने से ही काम नहीं चलेगा।
  • पेड़ पर कुल्हाड़ी चलाते-चलाते उसकी धार खत्म हो जाती हैं। इससे पेड़ काटने मे ताकत भी अधिक लगती है और पेड़ भी जल्दी नहीं  कटता हैं। यदि काम के दौरान समय निकाल  कर कुल्हाड़ी को तेज करते रहे तो पेड़ को काटने में आसानी होगी और कम समय में अधिक पेड़ काट सकते है।
  • कुल्हाड़ी में धार लगाने का तात्पर्य व्यक्ति को  भी अपने काम को समय-समय पर अपडेट करते रहना चाहिए।
Read This :

New Business Idea   Business Tips   फ्रूड बिजनेस Food business,  Women Business,  1000 रूपए से शुरू बिजनेस     हजार में खड़ा करें करोड़ों का बिजनेस     10 हजार में शुरू करें बिजनेस


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

Pages