लघुकथा : मनोवृत्ति Laghu Katha || Dr. M.K. Mazumdar - Prerak kahani | Hindi Stories

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लघुकथा : मनोवृत्ति Laghu Katha || Dr. M.K. Mazumdar

लघुकथा, Laghu Katha, M.K. Mazumdar





लघुकथा : मनोवृत्ति  Laghu Katha || Dr. M.K. Mazumdar


लघुकथा : मनोवृत्ति  Laghu Katha || Dr. M.K. Mazumdar, ‘मनोवृत्ति’ डाॅ. एम.के. मजूमदार द्वारा लघुकथा संग्रह में से एक है। इनकी लघुकथाएं देश के विभिन्न पत्रिकाओं और पेपर में प्रकाशित हो चुकी है। कल और आज के परिवेश में काफी बदलाव आया है। हो सकता है कुछ लघुकथाएं वर्तमान समय में अटपटी लगे पर अनेक लघुकथाएं आज के सदंर्भ में भी उतनी ही सटीक बैठती हैं जितनी की उस वक्त. लघुकथा के परिवेश और काल को समझने के लिए प्रत्येक लघुकथा के लेखन के वर्ष को भी दर्शाया गया है जिससे पाठक उस काल को ध्यान में रखकर लघुकथा की गहराई को महसूस कर सकें। आप भी इन्हें पढ़े और अपने विचार कमेंट बाॅक्स में जरूर लिखें।



मनोवृत्ति 


‘‘नये तहसीलदार बहुत बढ़िया आदमी है ..... लेन-देन हाथ के हाथ करता हय।’’

‘‘लेकिन कउनो बिचैलिया न होई तो काम कैईसे बनी?’’

‘‘उनका मानना हय ....बिचैलिया की बदौलत लोगन का परेशानी होत हय।

‘‘....... एकदम सही बात हय, इन बिचैलियों की वजह से काफी परेशान होत रही ....... अब तो इ बात का भरोसा रही की रूपये देने पर काम होई जाया करी।’’...... More (1983)



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