प्रेरक कहानी : उपहार | true motivational stories in hindi | Apeksha mazumdar |
प्रेरक कहानी : उपहार | true motivational stories in hindi | Apeksha mazumdar
छत्रपति शिवाजी महाराज न्यायप्रिय और बुद्धिमान शासक थे। उनकी नेकदिली और ईमानदारी जग जाहिर थी।
एक बार उनके सेनापति आबाजी महादेव उनके लिए उपहार स्वरूप एक खूबसूरत मुस्लिम औरत को बंदी बनाकर ले आएं।
आबाजी महादेव बोले, ‘‘श्रीमंत, मैं आपके लिए एक अनोखी भेंट लाया हूं।’’
युवती को देखकर शिवाजी महाराज ने पूछा, ‘‘कौन हैं ये?’’
आबाजी की बात सुनकर शिवाजी महाराज अपने सिंहासन से उतरे और युवती के सिर पर हाथ रखते हुए कहा, ‘‘हां, हम इसे अपनी बहन मानते है।’’
शिवाजी महाराज की बात सुनकर डरी-सहमी युवती का डर दूर हो गया। वह शिवाजी महाराज के चरणों में झुक गई।
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शिवाजी महाराज उस युवती को उठाकर बोले, ‘‘यदि मेरी मां भी तुम्हारी जैसी खूबसूरत होती तो शायद हमें भी थोड़ी-सी खूबसूरती मिल जाती।’’
इधर आबाजी महादेव, शिवाजी महाराज की बात सुनकर शर्म के मारे उनका सिर झुक गया। उन्होंने अपने किए के लिए माफी मांगी।
शिवाजी महाराज बोले, ‘‘आबाजी, हमें इतनी खूबसूरत बहन उपहार में देने के लिए तुम्हें धन्यवाद देते हैं। जाओं, और हमारी बहन को सकुशल अपने घर छोड़ आओ।’’
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उन्होंने कीमती उपहारों के साथ अपनी बहन को विदा किया। शिवाजी महाराज की नजर में जाति का कोई भेदभाव नहीं था। उनकी नजर में सभी एक थे।
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