लघुकथाएं | Hindi Short Stories | पुरूष का स्वभाव | Dr. M.K. Mazumdar |
लघुकथाएं | Hindi Short Stories | पुरूष का स्वभाव | Dr. M.K. Mazumdar
‘पुरूष का स्वभाव’ डाॅ. एम.के. मजूमदार द्वारा लघुकथा संग्रह में से एक है। इनकी लघुकथाएं देश के विभिन्न पत्रिकाओं और पेपर में प्रकाशित हो चुकी है। कल और आज के परिवेश में काफी बदलाव आया है। हो सकता है कुछ लघुकथाएं वर्तमान समय में अटपटी लगे पर अनेक लघुकथाएं आज के सदंर्भ में भी उतनी ही सटीक बैठती हैं जितनी की उस वक्त. लघुकथा के परिवेश और काल को समझने के लिए प्रत्येक लघुकथा के लेखन के वर्ष को भी दर्शाया गया है जिससे पाठक उस काल को ध्यान में रखकर लघुकथा की गहराई को महसूस कर सकें। आप भी इन्हें पढ़े और अपने विचार कमेंट बाॅक्स में जरूर लिखें।पुरूष का स्वभाव
‘‘तेरी पत्नी बड़ी खूबसूरत हैं।’’ उसने चुटकी ली।वह खुश हुआ।
‘‘गदराया जिस्म नाप-तौल से बना है।’’ उसने चस्का लिया।
वह चुप रहा।
‘‘उसके कूल्हें के पास एक तिल है।’’
इस बार भी वह चुप रहा।
घर जाकर उसने पत्नी के शरीर से कपड़े अलग कर दिएं। वह पत्नी के कूल्हें के पास तिल ढुंढ़ने लगा, तिल नहीं मिला।
इसके बाद भी उसे लगता पत्नी के कूल्हे के पास कोई तिल है। उसकी नजरें हमेशा उस तिल को ढुंढ़ा करती।
कुछ दिनों से पति के बदले स्वभाव को देख कर पत्नी परेशान थी।........ More (1982)
लघुकथाएं | Hindi Short Stories | पुरूष का स्वभाव | Dr. M.K. Mazumdar | laghu katha | M.K. Majumdar | संकलन | लघुकथा संग्रह | Inspirational Stories | Hindi| Short Stories | Perak Kahani | Hindi Sahitya | maanoj mantra | manoj kumar | हिंदी लघु-कथाएं | Short story | hindi short story | लघु कहानी | लघुकथा | साहित्य कथा | साहित्य लघु कहानी हिन्दी में | Hindi Short Stories moral | hindi laghu katha
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.