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लघुकथाएं | Hindi Short Stories | समाधान | Dr. M.K. Mazumdar

लघुकथाएं | Hindi Short Stories | समाधान | Dr. M.K. Mazumdar


‘समाधान’ डाॅ. एम.के. मजूमदार द्वारा लघुकथा संग्रह में से एक है। इनकी लघुकथाएं देश के विभिन्न पत्रिकाओं और पेपर में प्रकाशित हो चुकी है। कल और आज के परिवेश में काफी बदलाव आया है। हो सकता है कुछ लघुकथाएं वर्तमान समय में अटपटी लगे पर अनेक लघुकथाएं आज के सदंर्भ में भी उतनी ही सटीक बैठती हैं जितनी की उस वक्त. लघुकथा के परिवेश और काल को समझने के लिए प्रत्येक लघुकथा के लेखन के वर्ष को भी दर्शाया गया है जिससे पाठक उस काल को ध्यान में रखकर लघुकथा की गहराई को महसूस कर सकें। आप भी इन्हें पढ़े और अपने विचार कमेंट बाॅक्स में जरूर लिखें।




समाधान


‘‘इस बेरोजगारी व मंहगायी के जमाने में भी घर के काम के लिए नौकर मिलना मुश्किल हो गया ........ मैं तो ढुढ़ते-ढुढ़ते परेशान हो गया।’’ वे कुर्सी पर पसरते हुए बोले। 
पत्नी ने बढ़कर जूते का फीता खोला, खुद शर्ट की बटन खोलने लगे। इतने में बड़ी लड़की ने चाय का प्याला लाकर मेज पर रख दी।
‘‘........ अगर मेरी माने तो एक बात कहूं।’’ पत्नी बोली।
‘‘कहो .....।’’ चाय पीते हुये उन्होंने कहा।
‘‘आपका भाई बंटी हाई स्कूल है .....। कई वर्ष से नौकरी की तलाश कर रहा है ..... उसे क्यों नहीं बुला लेते ..... यहां रह कर काम कर दिया करेगा .... कुछ दे दिया करेंगे ....... उसे भी दुःख न रहेगा और अपना काम भी बन जायेगा।’’
पत्नी की बात उन्हें सटीक लगी। थोड़ी देर बाद उनकी कलम अन्र्तदेशी पर चलने लगी। ............ More  (1981)





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