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jasusi kahani : champaklal jasoos| चंपकलाल जासूस | baccho ki kahani | aparna majumdar
गज्जू हाथी का सतपुड़ावन में सोने चांदी की सबसे बड़ी दुकान थी.
एक दिन गज्जू अपनी दुकान में बैठा था. तभी उसका मोबाइल बजने लगा. उसने मोबाइल के स्कीन पर अपनी पत्नी टुनटुन का नाम देखकर आन किया.
मोबाइल पर टुनटुन ने घबराते हुए बताया कि उनका बेटा गाजी अभी तक स्कूल से घर नहीं लोटा है.
गज्जू ने टुनटुन को समझाते हुए कहा, ‘‘इसमें घबराने की कोई बात नहीं हैं. गाजी अपने किसी दोस्त के घर पर गया होगा, आ जाएगा.’’
‘‘मैंने उसके सभी दोस्तों को फोन करके गाजी के बारे में पूछ लिया है. वह कहीं नहीं हैं.’’ टुनटुन से रोते हुए कहां.
‘‘तुम घबराओं नहीं मैं अभी आ रहा हूं.’’ कहते हुए गज्जू ने फोन बंद कर दिया और घर जाने के लिए दुकान से बाहर निकल आया.
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तभी गज्जू का मोबाइल एक बार फिर बज उठा. उसने मोबाइल स्कीन पर नंबर देखकर फोन आन कर लिया.
दूसरी ओर से आवाज आई. ‘‘ओए, सेठ अपुन की बात ध्यान से सुन. तेरा बेटा अपुन के कब्जे में हैं. उसे जिंदा मांगता है तो पांच लाख रूपये भूतहा हवेली के पास रात बारह बजे लेकर आ जाना. पुलिस को खबर नहीं करने का....... और सुन ज्यादा होशियारी दिखाया तो तेरा बेटा खल्लासए समझे.....रात बारह बजे अपुन भूतहा हवेली के पास तेरा इंतजार करेगा... नाम बोले तो कालिया सियार.’’ गज्जू कुछ पूछता इसके पहले ही फोन कट गया.
गज्जू अपने बेटे की अपहरण की खबर सुनकर परेशान हो गया. जब वह घर पहुंचा तो देखा उसकी पत्नी का रो-रो कर बूरा हाल था.
उसने पत्नी को चुप कराते हुए बोला, ‘‘गाजी का अपहरण हो गया है. उस छोड़ने के बदले पांच लाख रूपये मांगे हैं.’’
‘‘उन्हें जितना चाहिए दे दो, हमारे पास बहुत रूपया हैं.’’
‘‘थोड़ा सब्र से काम लो. सिर्फ रोनेधोने से काम नहीं चलेगा.’’
कुछ सोचते हुए गज्जू ने वन के सबसे बड़े जासूस चंपकलाल खरगोश को फोन किया.
‘‘हैलो, मैं सेठ गज्जू बोल रहा हूं.?’’
‘‘कहिए, मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूं? दुसरी ओर से चंपकलाल की आवाज आयी.
‘‘बात यह है कि मेरे बेटे का कालिया सियार ने अपहरण कर लिया हैं.’’
‘‘ओह, कालिया सियार वह तो अंडरवल्र्ड का डाॅन है. क्या तुमने इसकी सूचना पुलिस को दी है.’’ चंपकलाल ने पूछा.
‘‘नहीं, कालिया सियार ने धमकी दी है कि अगर मैनें इसकी सूचना पुलिस में की तो वह बच्चे को खत्म कर देगा.’’
‘‘ठीक है, उसने और क्या कहां.’’
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‘‘कालिया ने पांच लाख रूपये लेकर रात के बारह बजे भूतहा हवेली के पास बुलाया हैं’’, गज्जू ने बताया.
‘‘ठीक है तुम रूपये की व्यवस्था करके रखो, मैं अभी वहां पहुंच रहा हूं. घबराने की जरूरत नहीं हैं सब ठीक हो जायेगा.’’ चंपकलाल से सांत्वना देते हुए फोन काट दिया.
गज्जू ने पांच लाख रूपये एक सूटकेस में रख लिया और चंपकलाल के आने का इंतजार करने लगा. रात के लगभग ग्यारह बजे चंपकलाल गज्जू के घर पर पहुंच गया.
चंपकलाल ने सूटकेस को उलट पलट कर देखते हुए पूछा, ‘‘तुमने रूपये गिन कर रखें हैं न.’’
गज्जू ने सिर हिलाते हुए कहा, ‘‘हां पूरे पांच लाख रूपये है.’’
‘‘ठीक हैं, तुम यह सूटकेस लेकर कालिया सियार द्वारा बताएं स्थान पर पहुंचो. मैं तुम्हारे पीछे-पीछे आ रहा हूं.’’
गज्जू अपनी कार लेकर भूतहा हवेली की ओर चल पड़ा. उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था. मन ही मन में उसे डर लग रहा था कि कहीं पांच लाख रूपये लेने के बाद भी कालिया सियार ने गाजी को नहीं छोड़ा तो.
गज्जू ठीक 12 बजे भूतहा हवेली पहंुच गया. वह एक जगह खड़े होकर कालिया सियार का इंतजार करने लगा.
तभी अचानक कालिया सियार उसके पास आया और गज्जू कुछ समझता इसके पहले उसके हाथ से सूटकेस लेकर जंगल की ओर भाग गया.
गज्जू हक्का बक्का सा खड़ा रह गया. उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या करें?
गज्जू को रूपये जाने का दुख नहीं था. दुख था तो अपने बेटे के वापस न मिलने का.
इतने में गज्जू का मोबाइल बज उठा. ‘‘सेठ नोट देखने के बाद अपुन को ध्यान आया कि तू बड़ा मालदार है. अपुन को कल सुबह तक पांच लाख और मांगता..... पुलिस को शिकायत करने का नहीं, नहीं तो तेरा बेटा खल्लास, समझ गया न. नाम बोले तो कालिया सियार.’’
गज्जू ने अपना सिर पीट लिया. चंपकलाल के कहने पर उसने कालिया सियार को पांच लाख रूपए दे दिए. बच्चा भी नहीं मिला ऊपर से पांच लाख और मांग लिए.
पुलिस में शिकायत करने पर वह भी दो बात सुनायेगी.
गज्जू ने चंपकलाल का मोबाइल मिलाया. मोबाइल नाॅॅट रिचेबल बता रहा था.
अब क्या करें कुछ सोचने के बाद गज्जू ने घर जाने की बजाय पुलिस स्टेशन जाने का फैसला किया. अब उसे लगने लगा कि इसकी शिकायत पुलिस में जरूर करनी चाहिए, वर्ना कोई बड़ी मुसीबत आ सकती हैं.
गज्जू पुलिस स्टेशन की ओर जा रहा था. उसी वक्त उसके पास चंपकलाल का फोन आया, ‘‘आप कहां हो?’’
‘‘क्यों... तुम्हें भी पांच लाख रूपये चाहिए क्या?’’ गज्जू ने नाराज होते हुए कहां.
‘‘अरे, तुम खामखा नाराज हो रहे हो.’’ चंपकलाल ने हंसते हुए कहा.
‘‘नाराज नहीं होऊगा तो क्या मैं उछल कर डांस करू. तुम्हारी वजह से कालिया सियार रूपये ले गया और उसने गाजी को भी नहीं छोड़ा. ऊपर से पांच लाख रूपये और मांग रहा हैं.’’ गज्जू ने एक ही सांस में पूरी बातें उसे बता दी.
‘‘परेशान होने की जरूरत नहीं कालिया सियार गिरफ्तार हो चुका हैं. तुम जल्दी से पुलिस स्टेशन पहुंच जाओ. गाजी तुमको वहीं मिल जाएगा.’’
पुलिस स्टेशन में गाजी को सही सलामत देखकर गज्जू ने राहत की सांस ली. उसने चंपकलाल से पूछा, ‘‘यह सब कैसे हुआ?’’
‘‘हम जासूसों का काम करने का कुछ अलग ही अंदाज होता हैं. तुम जिस सूटकेस को पहुंचाने गये थे मैंने उसमें एक माइक्रोचीप लगा दिया था.’’ चंपकलाल ने एक चीप दिखाते हुए कहा.
‘‘इस चीप की वजह से मुझे मेरी कार में लगे कंप्युटर में सारी जानकारी मिल रही थी कि कालिया सियारा सूटकेस लेकर कहां जा रहा है.
मैं पुलिस को लेकर पहले से ही तैयार था. जैसे ही कालिया सियार के ठिकाने का पता चला, मैंने इंस्पेक्टर चीता को इसकी जानकारी दे दी.
इंस्पेक्टर अपनी पूरी टीम लेकर वहां पहुंच गए और कालिया सियार को गिरफ्तार कर लिया.’’
चंकपलाल की सूझबूझ की वजह से गज्जू को अपना बेटा गाजी सही सलामत मिल गया.
गज्जू ने चंपकलाल को इसके लिए धन्यवाद देते हुए कहा, ‘‘मान गये तुम्हारे सूझबूझ को, इसलिए तो तुम सतपुड़ावन के माने हुए जासूस कहलाते हो.’’