Prerak kahani | Baccho ki Kahani : सुनो सभी की करो अपने दिमाग की - Prerak kahani | Hindi Stories

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Prerak kahani | Baccho ki Kahani : सुनो सभी की करो अपने दिमाग की

Prerak kahani | Baccho ki Kahani : सुनो सभी की करो अपने दिमाग की
Prerak kahani | Baccho ki Kahani : सुनो सभी की करो अपने दिमाग की


Prerak kahani | Baccho ki Kahani : सुनो सभी की करो अपने दिमाग की | Apeksha Mazumdar


सतपुड़ावन में डेंचू गधे ने चाय की एक दुकान खोली। 

उसने अपने दुकान पर ‘सतपुड़ावन टी स्टाल’ का एक बड़ा-सा बोर्ड लगा दिया। बोर्ड के नीचे लिखा था ‘यहां पर स्पेशल चाय मिलती है।’

दुकान पर बोर्ड देखकर बंकू बंदर आया। उसने दुकान के सामने रखी कुर्सी पर बैठते हुए कहां, ‘‘एक स्पेशल चाय देना।’’

डेंचू गधे ने उसे स्पेशल चाय बनाकर दी। 

चाय का एक घुट पीते ही बंकू बंदर गुस्से से चिल्लाते हुए बोला, ‘‘क्या, यह स्पेशल चाय है? न इसमें दूध है न चीनी।’’

डेंचू गधे ने कहां, ‘‘मैंने तो इसमें दूध-शक्कर बराबर डाला था।’’

बंकू बंदर बोला, ‘‘लगता है तुम्हें चाय बनानी नहीं आती हैं। चाय बनाना कोई मामूली काम नहीं है।’’

‘‘ठीक है तुम ही बता दो, चाय कैसी बनती हैं?’’ डेंचू गधे ने पूछा।



‘‘देखो, पानी में चीनी और चाय पत्ती डाल कर अच्छे से उबाल कर चाय का लिकर बना लो। जब कोई चाय मांगे तो इसमें गरम दूध डाल कर दे देना। चाय पीने के बाद सभी तुम्हारे चाय की तारीफ करते नहीं थकेंगे।’’

बंकू बंदर के जाते ही लोलो बकरी चाय पीने वहां आयी। डेंचू गधे ने बंकू बंदर के बताये अनुसार चाय बनाकर उसे दी।


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चाय पीने के बाद लोलो बकरी ने डेंचू गधे को दो-चार बातें सुनाते हुए कहां, ‘‘मूर्ख, तुझे चाय बनानी नहीं आती हैं। ऊपर से चाय की दुकान खोल ली। मैं तुझे बताती हूं कि चाय कैसे बनायी जाती हैं। तुम उसी तरह से चाय बनाना। देखना सतपुड़ावन के सभी जानवर तुम्हारे यहां चाय पीने आया करेंगे।’’

डेंचू गधा चुपचाप लोलो बकरी की बातें सुन रहा था।

लोलो ने उसे समझाते हुए कहां, ‘‘दूध में चीनी डालकर अच्छे से उबालो। जब कई उबाल आ जायें तो चायपत्ती डालकर ढ़ाक दो। फिर देख कितनी बढ़िया चाय बनती हैं।’’

डेंचू गधे को चाय बनाने का नया फार्मूला बताकर लोलो वहां से चली गयी।
इतने में चतरू सियार वहां आया। 



चतरू ने एक फुल गिलास चाय मलाई मार कर मंगवाया। डेंचु गधे ने लोलो वाले तरीके से चाय बना कर चतरू सियार को दिया।

चाय पीकर चतरू सियार ने कहा, ‘‘ठीक से चाय बनाना नहीं आता है तो किसी और चीज़ की दुकान खोल लेता। ऐसी बेकार चाय पिलायेगा तो कोई दुबारा यहां नहीं आयेगा,’’ इतना कहकर वह वहां से चला गया।

थोड़ी दूर जाने के बाद वह लौट कर डेंचू गधे के पास आकर बोला, ‘‘चाय की दुकान अच्छे से चलाने के लिए पहले चाय बनाना सीख लें। मैं तुझे चाय बनाने का तरीका बताता हूं। पहले पानी में चाय पत्ती चीनी और अदरक डाल कर अच्छे से उबाल लेना। जब गुलाबी काला रंग दिखायी दें तो उसमें दूध डाल देना। फिर देख कितनी बढ़िया चाय बनती हैं।’’
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चतरू सियार के जाते ही वहां गज्जू हाथी आया। 

गज्जू हाथी ने चाय मांगी। डेंचु गधे ने इस बार चतरू सियार द्वारा बताये तरीके से चाय बनाकर गज्जू हाथी को दी। 

यह चाय गज्जू हाथी को पसंद नहीं आयी।

चाय पीने के बाद गज्जू हाथी बोला, ‘‘तुमने बिलकुल अच्छी चाय नहीं बनाई हैं। मैं तुम्हें बताता हूं कि चाय कैसे बनायी जाती हैं।’’

वह डेंचू गधे को चाय बनाना सिखाने लगा, लेकिन डेंचू ने उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया।
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जानवरों की बातें सुनकर डेंचू गधा उदास हो गया। वह सभी को अच्छी चाय बनाकर देता फिर भी किसी को उसकी चाय पसंद नहीं आती हैं। उसने मन ही मन कुछ फैसला कर लिया।


तभी वहां बल्लू भालू आया। 

उसने डेंचू से चाय मांगी तो डेंचू गधे ने बोर्ड की ओर इशारा कर दिया। 

बोर्ड पर लिखा था, 'यह चाय की दुकान है। जिसे जैसी चाय पीना अच्छी लगे बनाकर पी लें।’ 

साइन बोर्ड पढ़कर बल्लू भालू ने हंसते हुएं पूछा, ‘‘तुमने ऐसा क्यों लिखा हैं?’’

डेंचू गधे ने कहां, ‘‘यहां जो भी चाय पीने आता है, वह नए तरीके से चाय बनाने की सलाह देता है। इससे मैं परेशान हो गया हूं। इसीलिए मैंने सोचा, जिसे जिस तरह की चाय पसंद है वह खुद ही बना कर पी लें।’’

 डेंचू गधे की बात सुनकर बल्लू भालू ने उसे समझाते हुए कहां, ‘‘आखिर में तुम रहे न गधे के गधे। दुनिया में सलाह देने वालों की कमी नहीं हैं। जो भी आयेगा वह तुम्हें कुछ न कुछ सलाह जरूर देंगा। इसीलिए तुम सुनो सभी की, लेकिन करो अपने मन की, समझे।’’  

डेंचू गधे को बल्लू भालू की बातें समझ में आ गयी। उस दिन से वह अपने तरीके से चाय बनाने लगा।  

चाय पीने के बाद कोई सलाह देता तो डेंचू गधा उसे अनसुना कर देता। जानवर आते और चाय पीकर चले जाते। धीरे-धीरे उसके चाय की दुकान अच्छी चलने लगी।

शिक्षा:- Prerak kahani | Baccho ki Kahani : सुनो सभी की करो अपने दिमाग की



इस कहानी से शिक्षा मिलती हैं कि 

  • व्यक्ति को जिस कार्य के बारे में पूरी जानकारी हो उसी कार्य को करना चाहिए।
  • अपने कार्य को पूरे आत्मविश्वास के साथ करना चाहिए। 
  • जो असफल होते हैं वही दूसरों को सलाह देते रहते हैं। सफल व्यक्ति अपने काम में लगे रहते है। वह फालतु की बातों पर ध्यान नहीं देते है। कहां जाता है, सुनो सभी की, करो अपने दिमाग की।
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