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सुनी सुनाई बातों पर विश्वास न करें


गर्मी की छुट्टी में राहुल अपने नाना के गांव सारणी गया। वहां उसे गांव में पहले की अपेक्षा काफी परिवर्तन नज़र आया। जहां-तहां भजन कीर्तन हो रहे थे। उसने नानी से पूछा, ‘‘गांव में यह परिवर्तन कैसे हुआ?’’

नानी ने कहा, ‘‘गांव में एक बहुत पहंुचें हुए सिद्ध पुरूष आए है। उनके ही आर्शीवाद का फल है कि गांव में परिवर्तन हुआ हैं।’’



‘‘सिद्ध पुरूष .....’’ राहुल कुछ पूछता कि नानी ने उसे समझाते हुए कहा, ‘‘देखों, उनके बारे में कुछ अनाप-शनाप न कहना। इससे हमारा अनर्थ हो जायेगा।’’

राहुल को इन साधु-महात्माओं का ढ़ोग अच्छा नहीं लगता था। उसके अध्यापक ने बताया था कि ये साधु-महात्मा सीधे-सादे लोगों को बेवकूफ बनाकर लुटते हैं। इनके पास कोई भी देवीय शक्ति नहीं होती है। वे केवल छोटे-मोटे हाथ की सफाई दिखाकर तथा लोगों को भय दिखाकर अपना प्रभाव जमा लेते है।



शाम के समय राहुल भी अपने नानी के साथ साधु के आश्रम में गया। वहां उसने देखा, एक बड़े से चबूतरे पर एक हट्टा-कट्टा नव जवान बैठा हुआ हैं। उसके पास पहुंच कर नानी ने उसके चरण स्पर्श किए और राहुल को भी प्रणाम करने का इशारा किया।

‘‘महाराज यह मेरा नाती राहुल है। इसे आप आर्शीवाद दीजिए की यह अपने क्लास में अच्छे नंबरों से पास हों।’’
साधु ने थोड़ी सी राख और एक फूल देते हुए कहा, ‘‘लें राख को खा लेना और फूल को अपने किताब में रख लेना। तू अच्छे नंबरों से पास हो जाएगा।’’

यह सुनकर राहुल को बहुत गुस्सा आया। उसने सोचा, ‘कहीं राख खाकर और किताब में फूल रखने से भला कोई पास हो सकता हैं।’

आश्रम से लौटते समय नानी साधु की काफी बढ़ायी कर रही थी। 

नानी ने कहा, ‘‘यह बहुत ही सिद्ध पुरूष है। इन्हें भगवान ने साक्षात दर्शन देकर यहां भेंजा है। उन्होंने अपने तप के बल पर एक गरम जल का कुण्ड निकाला है।’’

राहुल ने नानी से पूछा, ‘‘गरम जल का कुण्ड कहां पर हैं।’’

‘‘यह कुण्ड आश्रम के बीचों-बीच में है। इस कुण्ड के पानी में जो भी स्नान करते है। उनके सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं।’’

नानी रास्ते भर और भी अनेक बातें बताती रही, लेकिन राहुल तो उस गरम जल के कुण्ड के बारे में सोच रहा था।
उसे यह साधु ढ़ोंगी और बदमाश प्रतीत होने लगा जो यहां के भोले-भोले लोगों को बेवकूफ बना रहा था। राहुल किसी तरह से साधु का भण्डा फोड़ना चाहता था।

दुसरे दिन आश्रम पहुंच कर वहां बारिकी से निरीक्षण करना शुरू किया। 

बच्चा जानकर उसे किसी ने भी नहीं रोका। आश्रम के अंदर की गतिविधियां उसे कुछ अजीब लगी। 

आश्रम के अंदर बनी झोपड़ियों में उसने झांककर देखा। वहा विलासिता की सभी चीजें मौजूद थी। 

जब वह गरम जल वाले कुण्ड के पास पहुंचा तो उसे पूरा यकीन हो गया कि यह वही जगह है। 

जब कुछ साल पहले वह नानी के गांव आया था। तब ओ.एन.जी.सी. वाले तेल की खोज कर रहे थे। तेल की खोज करते समय यहां एक गरम पानी का फव्वारा फूट पड़ा था। आश्रम घुमने के बाद राहुल पुलिस स्टेशन पहुंचा। 

‘‘सर, मेरा नाम राहुल है। मैं ढ़ोगी साधु के खिलाफ शिकायत लिखना चाहता हूं।’’ राहुल ने वहां उपस्थित दरोगा से कहा।

राहुल की बात सुनकर दरोगा बहुत क्रोधित हुआ। उसने राहुल को डरा धमका कर वहां से भगा दिया।
राहुल शांत नहीं बैठा। उसने अपने नाना को सारी बातें बतायी। सारी बातें सुनने के बाद नाना भी ढ़ोगी साधु को बेनकाब करने के लिए राजी हो गए।

राहुल नाना के साथ वहां के पुलिस आफीसर से मिलने गया। पुलिस आफीसर नाना के दोस्त थे। 

उन्होंने राहुल की पूरी बात सुनकर कहा, ‘‘अब आप लोग घर लौट जाएं। जितनी जल्दी होगा मैं उस ढ़ोगी साधु के खिलाफ कार्यवाही करूंगा।’’

मध्यरात्री के समय अचानक आश्रम में खलबली मच गयी। 

पुलिस कर्मियों ने पूरे आश्रम को घेर लिया था। 

आश्रम की तलाशी लेने पर साधु के चेले विरोध करने लगे। पुलिस द्वारा कड़ायी करने पर साधु के चेले गोली चलाने लगे। पर पुलिस फोर्स के सामने वे अधिक देर तक नहीं टिक सकें। पुलिस ने सभी को पकड़ लिया।

आश्रम की तलाशी लेने पर वहां से विदेशी बंदुके, बम, कई किलो नशीले पदार्थ बारामद हुई। 

आरोपियों से कड़ायी से पूछताछ करने पर पता चला कि  साधु इन सबका बाॅस है। उसने आश्रम को गोदाम बना रखा था। जहां से सारे देश में अस्त्र व नशीले पदार्थ पहुंचाया जाता है। लोगों को शक न हो इसलिए उसने साधु का भेष बना रखा था।

राहुल की समझदारी से एक देशद्रोही को पुलिस पकड़ने में सफल हुई। गांव के लोगों ने राहुल की खूब तारीफ की और पुलिस ने उसे ईनाम दिया।

शिक्षा:-

इस कहानी से शिक्षा मिलती हैं कि

  • कभी भी किसी के द्वारा फैलाई गई बातों पर आंख मूंद कर विश्वास नहीं करना चाहिए। बातों की तह तक जाना चाहिए। उसे तर्क की कसौटी पर परखना चाहिए। उसके बाद ही कोई निर्णय लेना चाहिए।
  • साइंस के इस युग के गणेशजी की मुर्ति द्वारा दूध पीना या समुद्र का जल अमृत हो जाना अफवाह हैं। कभी भी ऐसी बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। 
  • स्वार्थी लोगों द्वारा अपने स्वार्थ के लिए उल्टे सीधे अफवाह फैला कर लोगों को ठगते हैं। ऐसे ठोंगी साधुओं से दूर ही रहना चाहिए।


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