प्रेरक कहानी : Anyaay ka khul kar virodh karen अन्याय का खुल कर विरोध करें - Prerak kahani | Hindi Stories

Breaking

Home Top Ad

प्रेरक कहानी : Anyaay ka khul kar virodh karen अन्याय का खुल कर विरोध करें

Baccho ki Kahani, Moral Stories in Hindi, Prerak Kahani, प्रेरक कहानी : Anyaay ka khul kar virodh karen अन्याय का खुल कर विरोध करें
प्रेरक कहानी : Anyaay ka khul kar virodh karen अन्याय का खुल कर विरोध करें



Prerak Kahani : Anyaay ka khul kar virodh karen | प्रेरक कहानी : अन्याय का खुल कर विरोध करें | Apeksha Mazumdar

प्रेरक कहानी अन्याय का खुल कर विरोध करें में समझाने की कोशिश की है कि विपरीत परिस्थितियों में व्यक्ति को उनसे मुकाबला करने के लिए बुद्धि से काम लेना चाहिए और कठीन परिस्थिती को अपने अनुरूप बना लेना चाहिए। यह जरूरी नहीं है कि जब हम पर अत्याचार हो तभी हमें उसका विरोध करना चाहिए। अत्याचार किसी पर भी हो यदि आज उसे नहीं रोका गया तो कल हम भी उसके शिकार हो सकते हैं। अन्याय और अत्याचार का खुलकर विरोध करना चाहिए। जो अत्याचार को सहता है, वह अत्याचार करने वाले से बड़ा अपराधी होता हैं।

Baccho ki Kahani, Moral Stories in Hindi, Prerak Kahani, rani ki kahani , dadi ki kahani, nani ki kahani, pariyon ki kahani, baccho ki kahani, jadui kahani, moral stories, hindi mein kahaniya

रिंकू नाम का एक हिरन था। एक दिन वह काम की तलाश में भीकू भेंडिया के पास गया।

भीकू भेड़िया स्वभाव से मक्कार था। वह भोले-भाले जानवरों से दिनभर काम करवाता और शाम होने पर उन्हें बेवकूफ बनाकर मजदूरी नहीं देता था।


रिंकू के काम मांगने पर भीकू ने कहा, ‘‘मैं तुम्हें मुंहमागी रकम दुंगा लेकिन तभी जब तुम इस बैग से सफेद पत्थर निकालकर दोगे। बोलो तुम्हें शर्त मंजूर है।’’

यह सुनकर रिंकू खुश हो गया। उसने कहां, ‘‘मुझे मंजूर है।’’

रिंकू उसी समय भीखू भेड़िए के यहां काम में लग गया। काम खत्म करते-करते शाम हो गई।

रिंकू ने अपना काम समाप्त किया और भीकू के पास जाकर अपनी मजदूरी मांगी।

भीकू ने उसके सामने पत्थरों से भरा एक बैग खोलकर रख देता है।

रिंकू ने बैग में हाथ डाल कर पत्थर निकालता है, तो वह काला पत्थर निकलता है।

यह देखकर रिंकू उदास हो जाता है और दुखी मन से अपने  घर की तरफ चल दिया। रास्ते में उसकी मुलाकात अपने दोस्त चीकू खरगोश से हुई।

रिंकू को उदास देखकर चीकू ने उससे उदासी का कारण पूछा तो रिंकू ने उसे सारी बात बता दी।


चीकू समझ गया कि भीकू ने रिंकू को बेवकूफ बनाया है। उसने मन ही मन भीकू को सबक सिखाने का फैसला किया।

अगले दिन चीकू, भीकू के पास काम मांगने गया। भीकू ने चीकू के सामने भी वहीं शर्त रखी, जो उसने रिंकू के सामने रखी थी।


Baccho ki Kahani, Moral Stories in Hindi, Prerak Kahani, rani ki kahani , dadi ki kahani, nani ki kahani, pariyon ki kahani, baccho ki kahani, jadui kahani, moral stories, hindi mein kahaniya

Baccho ki Kahani, Moral Stories in Hindi, Prerak Kahani, प्रेरक कहानी : Anyaay ka khul kar virodh karen अन्याय का खुल कर विरोध करें
प्रेरक कहानी : Anyaay ka khul kar virodh karen अन्याय का खुल कर विरोध करें


चीकू उसकी शर्त मान गया और काम करने लगा।

शाम को काम खत्म करने के बाद चीकू, भीकू के पास गया और अपनी मजदूरी मांगी।

भीकू ने उसके सामने पत्थरों से भरा बैग खोल दिया है। चीकू ने एक पत्थर निकाला और उसे दूर फेंक दिया।


यह देखकर भीकू ने नाराज होते हुए कहां, ‘‘यह क्या बतमीजी है।‘‘

चीकू ने कहा, ‘‘मैंने सफेद पत्थर निकाला था, लेकिन वह गिर गया।’’

‘‘गिर गया कि तुमने उसे जानबुझ कर फैंक दिया।’’ भीकू ने गुस्से से कहा।

‘‘मैंने सफेद पत्थर ही निकाला था और उसे मैंने फैंका नहीं है वह तो अपने आप गिर गया है।’’ चीकू ने भी ऊंची आवाज में कहा।

‘‘वह सफेद पत्थर नहीं था, काला पत्थर था।’’ भीकू ने कहां।

‘‘यह तुम कैसे यकीन से कह सकते हो।’’ चीकू ने कहां।

भीकू को चुप देखकर चीकू बोला, ‘‘ठीक है, तुम बैग के सभी पत्थर को बाहर निकाल कर देख लो। यदि उसमें सफेद पत्थर नहीं मिला तो समझ जाना मैने जो पत्थर फैका था वहीं सफेद पत्थर था।’’

दोनों में बहस होने लगती है।

उनकी आवाज सुनकर आसपास के सभी जानवर वहां आकर जमा हो गए।

ब्लैकी भालू ने कहां, ‘‘ऐसे तो फैसला कर पाना बहुत मुश्किल है। इन दोनों को राजा शेरसिंह के पास लें चलो, वहीं इसका सही फैसला करेंगे।

दोनों को राजा के पास ले गए।

राजा शेरसिंह दोनों की बात सुनने के बाद भीकू से पूछा, ‘‘बैग में कितने सफेद पत्थर और कितने काले पत्थर थे।’’

भीकू ने डरते हुए कहा, ‘‘महाराज, एक सफेद और शेष काले पत्थर थे।’’

चीकू ने कहा, ‘‘महाराज, यदि इस बैग में सफेद पत्थर नहीं है तो समझ लीजिए की मेरे हाथ से जो पत्थर गिर गया है वहीं सफेद पत्थर था।’’

शेरसिंह ने पत्थर से भरा बैग अपने पास मंगवाया और उसे सभी के सामने खाली करने के लिए कहा।

जब पत्थरों से भरे बैग को खाली किया गया तो उसमें सफेद पत्थर नहीं था।

यह देखकर चीकू खुश होते हुए बोला, ‘‘महाराज मेरे द्वारा निकाला गया पत्थर ही सफेद था। अब शर्त के अनुसार मुझे मुंह मांगी मजदूरी मिलनी चाहिए।’’

चीकू की बात सुनकर भीकू घबरा गया।


उसने सोचा, यदि मैंने सच कह दिया तो सभी को पता चल जाएगा की इस बैग में सफेद पत्थर था ही नहीं, क्योंकि उसने बैग में सभी काले पत्थर भर कर रखे थे। यदि यह बात राजा को पता चल गई तो राजा मुझे धोखाघड़ी के जुर्म में जेल भेज देगे।

यह सोचकर भीकू कुछ नहीं बोला। उसे शर्त के मुताबीक चीकू को मजदूरी देना पड़ा।

चीकू ने रिंकू हिरन की मजदूरी भी भीकू से वसूल कर ली। इस तरह चीकू की सूझबूझ की वजह से जानवरों को भीकू जैसे मक्कार से छूटकारा मिल गया।


Baccho ki Kahani, Moral Stories in Hindi, Prerak Kahani, rani ki kahani , dadi ki kahani, nani ki kahani, pariyon ki kahani, baccho ki kahani, jadui kahani, moral stories, hindi mein kahaniya

प्रेरक कहानी : Anyaay ka khul kar virodh karen अन्याय का खुल कर विरोध करें
प्रेरक कहानी : Anyaay ka khul kar virodh karen अन्याय का खुल कर विरोध करें


शिक्षा- प्रेरक कहानी : Anyaay ka khul kar virodh karen



इस कहानी से शिक्षा मिलती हैं अन्याय का खुल कर विरोध करें


अन्याय और अत्याचार का खुलकर विरोध करना चाहिए। जो अत्याचार को सहता है, वह अत्याचार करने वाले से बड़ा अपराधी होता हैं।

विपरीत परिस्थितियों में व्यक्ति को उनसे मुकाबला करने के लिए बुद्धि से काम लेना चाहिए और कठीन परिस्थिती को अपने अनुरूप बना लेना चाहिए।

यह जरूरी नहीं है कि जब हम पर अत्याचार हो तभी हमें उसका विरोध करना चाहिए। अत्याचार किसी पर भी हो यदि आज उसे नहीं रोका गया  तो कल हम भी उसके शिकार हो सकते हैं।

ऐसे लोगों को सबक सिखाने के लिए ईट का जवाब पत्थर से देना चाहिए।

Baccho ki Kahani, Moral Stories in Hindi, Prerak Kahani, rani ki kahani , dadi ki kahani, nani ki kahani, pariyon ki kahani, baccho ki kahani, jadui kahani, moral stories, hindi mein kahaniya

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

Pages